Forest fire March, Village Kandara

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11 March 2022

चिपको की यही पुकार,जंगल नहीं जलेंगे अबकी बार
कंडारा।
वनाग्नि की रोकथाम और अध्ययन के लिए सीपी भट्ट पर्यावरण और विकास केन्द्र और सहयोगी संगठनों की ओर से शुक्रवार को जनजागरण अभियान शुरू हो गया। कंडारा गांव में जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मण सिंह और ग्राम प्रधानों की अगुवाई में कंडारा से सुनाली गांव तक जनजागरण यात्रा निकाली गई। जिसमें बड़ी संख्या में महिला मंगल दल की सदस्याओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। कंडारा गांव से वन संरक्षण और वनाग्नि की रोकथाम को लेकर नारों और गीत गाते हुए सुनाली गांव में पहुंचे, जहां सुनाली के ग्रामीणों ने अभियान दल का गर्मजोशी से स्वागत किया।
सुनाली गांव में महिला मंगल दल की अध्यक्षा श्रीमती भुवना देवी की अध्यक्षता में वनाग्नि की रोकथाम के लिए लोक प्रयास को लेकर जनप्रतिनिधियों, वनाधिकारियों ने अपने विचार रखे। जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मण सिंह के आह्वान पर बैठक में इस इलाके में इस साल एकमत से जंगलों पर आग न लगने देने का एकमत से संकल्प लिया गया।
अभियान की जानकारी देते हुए पर्यावरण कार्यकर्ता विनय सेमवाल ने बताया कि वनाग्नि की रोकथाम के लिए जनजागरण को लेकर यह अभियान शुरू किया गया है। अभियान का यह दूसरा चरण है जिसके तहत कंडारा (कर्णप्रयाग) से लेकर थराली तक यात्रा शुरू की गई।
केन्द्र के ट्रस्टी मंगला कोठियाल ने आग लगने से होने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी दी। जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मण सिंह ने कहा की आग लगाना शब्द ही अशुभ माना जाता है। आग लगाने से सबसे पहले आग लगाने वाले को ही नुकसान होता है। जंगल हमारी जीविका के आधार है। यदि ये नष्ट होते हैं तो हमारा जीवन का आधार ही लुप्त हो जाता है। इसलिए जंगलों को बचाना हम सबका दायित्व बनता है।

नंदप्रयाग के वनाधिकारी चंद्र शेखर नाथ ने वनाग्नि के कारण और रोकथाम के प्रयासों पर विस्तार से जानकारी दी। सुनाली गांव की ममद की पूर्व अध्यक्षा श्रीमती अनीसा देवी ने ममद की ओर से जंगलों की आग की रोकथाम के लिए विगत वर्षों में किए गए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस बार भी पूरे तन मन और धन से जंगलों में आग की रोकथाम करेंगे।

सोनला गांव के वन पंचायत सरपंच बचन सिंह ने आग लगने के कारण और उसकी रोकथाम के लिए किए जाने वाले प्रयासों की जानकारी दी।

क्षेत्र पंचायत सदस्य श्रीमती संगीता देवी ने जंगल की सुरक्षा को लेकर बनाया गीत गाया।हिमाद की श्रीमती अंजू ने हिमालय की ओर से इस इलाके के जलवायु परिवर्तन को लेकर शुरू किए गए कार्यक्रम की जानकारी दी।
शिक्षक महेंद्र सिंह नेगी ने आग के दुष्प्रभावों की जानकारी दी और कहा की इस बीच आग लगने की बढ़ती घटनाओं का हमारे पर्यावरण और जीवन को प्रभावित कर रहा है। हमारी पहचान ये जंगल ही हैं इन्हें बचाना है।

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