चिपको आंदोलन स्वर्ण जयंती समारोह मंडल घाटी

२४ अप्रैल २०२३ मंडल घाटी
50 years of Chipko Movement – Mandal Valley
24 April 2023 Mandal

गोपेश्वर।

चिपको आंदोलन के पचास वर्ष पूरे होने पर 24 अप्रैल को मण्डल में समारोह का आयोजन किया जा रहा है। समारोह के आयोजन समिति की ओर से बताया गया है कि देश और दुनिया को वन संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के लिए दिशा देने वाले चिपको आंदोलन की शुरूआत मण्डल घाटी के जंगलों को बचाने के लिए वाली चिपको के आज से ठीक पचास साल पहले मण्डल में 24 अप्रैल 1973 को हुई थी। मण्डल के तत्कालीन सभापति श्री आलमसिंह बिष्ट की अध्यक्षता मे मण्डल के गौण्डी नामक स्थान में चिपको के रूप् में पहली कार्यवाही शुरू की गई थी। जिसमें पूरे इलाके के जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे।

इस 24 अप्रैल को साइमड कंपनी के हाथों मण्डल के जंगल से अंगू के पेड़ों को बचान के लिए उसी बैठक में शामिल लोगों की एक्शन कमेंटी का गठन किया गया था।

इस ऐतिहासिक आंदोलन की शुरूआत की तिथि तथा चिपको स्वर्णजयंती वर्ष के पूर्ण होने के अवसर पर मण्डल के गढ़सैरा में मण्डल घाटी के जनप्रतिनिधियों और महिलाओं की ओर से समारोह का आयोजन किया जा रहा है। समारोह के दौरान 24 अप्रैल 1973 के इस ऐतिहासिक आंदोलन में शरीक लोगों को याद किया जायेगा और जीवित लोगों का नागरिक सम्मान किया जायेगा। जीवित लोगों का नागरिक सम्मान किया जायेगा। तथा आंदोलन से जुड़े मुद्दो पर चर्चा की जायेगी।

कार्यक्रम मण्डल के गढसैरा में सुबह दस बजे से शुरू होगा और दोपहर एक बजे तक चलेगा।


पहली अप्रैल 1973 (1st April 1973)

इससे पूर्व पहली अप्रैल 1973 को दशोली ग्राम स्वराज्य मंडल में वमियाला(Bamiyala) के प्रधान और स्वतंत्रता सेनानी बचन सिंह रावत (Bachan Singh Rawat) की अध्यक्षता में हुई बैठक में आंदोलन की रणनीति तय की गई थी। दशोली ग्राम स्वराज्य मण्डल के तत्कालीन उपमंत्री श्री आन्नद सिंह बिष्ट, श्री चक्रधर तिवारी, श्री दयाल सिंह रावत और विशंभर दत्त थपलियाल ने मंडल घाटी के साथ बालखिला के जलागम में स्थित गाँवों में 24 अप्रैल के आंदोलन में शामिल होने के लिए गांव गांव में बैठक कर लोक जागरण का कार्य किया। जिससे पूरे इलाके के जागरूक लोग गाजे बाजे के साथ 24 अप्रैल को मण्डल के गौण्डी नामक स्थान में आंदोलन के लिए जुटे।

आंदोलन को देखते हुए वन विभाग ने मंडल के जंगल से पेड़ों को काटने का विचार छोड़ दिया और साइमण्ड कंपनी (Simond Company) को केदारघाटी के रामपुर- न्यालसू के सीला जंगल में अंगु के पेड़ एलाट किए। रामपुर न्यालसू में भी मई 1973 से चिपको-आंदोलन शुरू हुआ और 25 दिसंबर 1973 को सीला के जंगल में चिपको आंदोलन चला और सरकार को वहां भी पेड़ों को कटान रोकना पड़ा।

फिर रेणी, फूलों की घाटी में भ्यूंडार गांव, पिंडर में डुंगरी पैतोली से होते हुए पूरे देश और दुनिया में फैला।

चिपको की पहले एक्शन बैठक में किए गए प्रस्ताव।
(Chipko’s first Action Meeting on 24 April 1973 Gondi-Mandal)

24 अप्रैल 1973 गौण्डी-मण्डल।

आज दिनांक 24/4/73 को एक सार्वजनिक सभा स्थान मण्डल में श्री आलम सिंह बिष्ट प्रधान ग्राम सभा मण्डल की अध्यक्षता में हुई जिसमें सरकार की वन नीती के संबंध में निम्न प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए।

प्रस्ताव संख्या-1 गांव हक में कृषि और भवन निमार्ण हेतु अंगु और अन्य इमारती वृक्ष प्राप्त करना।

यह निर्विवाद सत्य है कि जनपद चमोली के किसान अपने समीपवर्ती वनों से कृषि कार्य हेतु बैलों के जुवें, अंगु की लकड़ी के और लाट, मोरू की लकड़ी के एवं हल, बांज या हरींज के,सदा से निशुल्क बनाते आये हैं। परन्तु खेद है कि वन विभाग चन्द वर्षो से किसानों को बैलों का जुवा बनाने के लिए अंगु के पेड़ नहीं दे रहा है। और कृषि यत्र चीड की लकडी से बनाने का आदेश दे रहा है। जो अत्यन्त अज्ञान पूर्ण है। और सारे अंगु के पेड साईमण्ड कंपनी इलाहबाद को दिए जा रहे हैं। अत निश्चिय किया गया कि जब तक कषि यंत्रों के लिए अंगु के पेड गांव हक में निशुल्क नहीं मिलते तब तक साईमण्ड कंपनी इलाहबाद को पेड काटने नहीं दिया जायेगा। अगर जबरदस्ती पेड काटने शुरू किए तो सत्याग्रही पेडों पर चिपक जायेंगे। इसके लिए एक संघर्ष समिति का चयन किया गया। जो वनों की रक्षा करेगी। और आंदोलन जारी रखेगी।

प्रस्ताव संख्या 2: औद्योगिक कच्चा माल प्राप्त करना।

राष्ट्रीय नीति के अनुरूप गोपेश्वर में दशोली ग्राम स्वराज्य संघ ने स्थानीय कच्चे माल-लीसा को ध्यान में रखते हुए विगत वर्षो में एक विरोजा-तारपीन फैक्टी तथा काष्ट-उपकरण उद्योग स्थापित किया गया है। परन्तु वन विभाग ने इसी जनपद के वनों से प्राप्त लीसे के वितरण में आईटीआर बरेली को पूरे वर्ष के लिए काफी सस्ते मूल्य पर लीसा दिया और इस जनपद की एकमात्र फैक्टी को केवल तीन माह के लिए बहुत महंगे दामों पर लीसा दिया गया। काष्टोपकरणों के लिए पेड़ साईमण्ड एण्ड कंपनी इलाहबाद को प्रतिवर्ष दर्जनों पेड दिए गए और इस जनपद को पेड नहीं दिए गए। परिणामस्वरूप दोनों उद्योग एक साल से बंद हैं। जिससे हजारों रूपये का घाटा हो गया है। अतः इस भेदभावपूर्ण नीति का घोर विरोध किया जाता है।

प्रस्ताव संख्या 3: गुजरों को रोकना।

गत वर्ष से वन विभाग इस जनपद में गुजरों को पास देते आ रही है। जिससे स्थानीय मवेशियों के चारागाह समाप्त होते जा रहे हैं। यहां मवेशियां पालना असंभव हो गया है। गुजरों को पास देना बंद किया जाय।

प्रस्ताव संख्या 4: वन वंदोबस्त और हको में वृद्वि।

यहां के वनों की पैमाईस सन 1920 ईसवी के करीब हुई थी तब गांव की परिवार संख्या आज के मुकाबले पंाच गुना कम थी उसी अनुपात पर गांव हक दर्ज किए गए थे। और वनों की सीमाबंदी मुनारे भी उसी अनुपात पर रखे गए थे। आज की बढ़ती हुई जनसंख्या और बढती हुई आवश्यकता को ध्यान मे ंरखते हुए वनबंदोबस्त कर गांव हक बढाए जांय। मुडारे बाहर हटाये जाय और फारेस्ट एक्ट में ऐसे परिवर्तन किए जाय जिससे वनों की संपति बढे और वह लोकहितकारी बन सके।

प्रस्ताव संख्या 5: साईमण्ड एण्ड कंपनी को वापस भेजा जाय।

प्रस्ताव सख्या 6: जंगलों के नीमाल बंद कर वन श्रमिक समितियों का संगठन कर वनों का काम उन्हें सौपा जाय।

प्रस्ताव 7: लकड़ी कोयला टाल बेरोजगारी मिटाओं।

राष्ट्रीय नीति बेरोजगारी गरीबी मिटाने की है अतः बदरीनाथ जोशीमठ चमोली गोपेश्वर आदि स्थानों पर लकड़ी और कोयले के टाल स्थानीय पंचायतों सहकारी संगठनों को इस्टीमेट रेट पर दिए जांय। ताकी जनपद की जनता लाभान्वित हो सके। इन मांगों के पूरा होने तक वन आंदोलन जारी रहेगा।

भवदीय
आलम सिंह बिष्ट


24 अप्रैल 1973 (24 April 1973)

विशंभर दत्त थपलियाल ने मंडल घाटी के साथ बालखिला के जलागम में स्थिति गाँवों में 24 अप्रैल के आंदोलन में शामिल होने के लिए गांव गांव में बैठक कर लोक जागरण का कार्य किया। जिससे पूरे इलाके के जागरूक लोग गाजे बाजे के साथ 24 अप्रैल को मण्डल के गौण्डी नामक स्थान में आंदोलन के लिए जुटे।

24/4/73
उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षरकर्ता
सार्वजनिक सभा स्थान मण्डल में दिनांक 24/4/73 विषय वन विभाग में ग्रामीण हकों को खोलने हेतु अध्यक्षता श्री आलम सिंह जी बिष्ट प्रधान ग्रामसभा मण्डल
1-आलम सिंह बिष्ट प्रधान ग्राम सभा मण्डल
2 विजय दत्त शर्मा मण्डल
3 बाग सिंह
4 फते सिंह
5 राम सिंह
6 भगत सिंह
7 कुबेर दत्त
8 विशाल मणि
9 मुरारी लाल
10 बलवंत सिंह
11 देवी प्रसाद
12 चंद्र मणि
13 माधों सिंह ग्राम प्रधान देवलधार
14 नथ्था सिंह सिरोली
15 नाराणयण सिंह सिरोली
16 भजनी दत्त सेमवाल मण्डल
17 मोहन सिंह
18 सुकुरू
19 शुक्र सिंह
20 मुख्यला सिंह
21 वसंत सिंह
22 नारायण ंिसह
23 वीरेन्द्र सिंह कलसीर
24 पूरण लाल
25 नथा सिंह कुलेण्डू
26 चन्द्र सिंह
27 अनुसूया प्रसाद सेमवाल
28 दोलत सिंह खल्ला
29 चिरंजी प्रसाद
30 भजन लाल
31 ऐतवारू
32 लक्ष्मी प्रसाद कोठियाल
33 बैशाख सिंह
34 रणबीर सिंह
35
36 शिव सिंह
37 मनसा लाल
38 बादलू
39 मंगला लाल
40 गोविंद सिंह
41 महेन्द्र सिंह
42 ज्ञान सिंह
43 पुरूषोत्तम
44 तुला लाल
45 संवनु
46 किशोरी लाल
47 बचनलाल
48 दयाल सिंह
49 शेर सिंह
50 पी एस बिष्ट
51 प्रताप सिंह
52 सूबेदार बचन सिंह
53 गबर सिंह
54 अनुसूया प्रसाद
55 गोपाल सिंह
56 दर्वान सिंह नेगी
57 वीर सिंह बिष्ट
58 श्यालक सिंह
59 ईश्वरी प्रसाद सेमवाल
60 चण्डी प्रसाद भट्ट
61 आनन्द सिंह बिष्ट

24/4/73
उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षरकर्ता
सार्वजनिक सभा स्थान मण्डल में दिनांक 24/4/73 विषय वन विभाग में ग्रामीण हकों को खोलने हेतु अध्यक्षता श्री आलम सिंह जी बिष्ट प्रधान ग्रामसभा मण्डल
1-आलम सिंह बिष्ट प्रधान ग्राम सभा मण्डल
2 विजय दत्त शर्मा मण्डल
3 बाग सिंह
4 फते सिंह
5 राम सिंह
6 भगत सिंह
7 कुबेर दत्त
8 विशाल मणि
9 मुरारी लाल
10 बलवंत सिंह
11 देवी प्रसाद
12 चंद्र मणि
13 माधों सिंह ग्राम प्रधान देवलधार
14 नथ्था सिंह सिरोली
15 नाराणयण सिंह सिरोली
16 भजनी दत्त सेमवाल मण्डल
17 मोहन सिंह
18 सुकुरू
19 शुक्र सिंह
20 मुख्यला सिंह
21 वसंत सिंह
22 नारायण ंिसह
23 वीरेन्द्र सिंह कलसीर
24 पूरण लाल
25 नथा सिंह कुलेण्डू
26 चन्द्र सिंह
27 अनुसूया प्रसाद सेमवाल
28 दोलत सिंह खल्ला
29 चिरंजी प्रसाद
30 भजन लाल
31 ऐतवारू
32 लक्ष्मी प्रसाद कोठियाल
33 बैशाख सिंह
34 रणबीर सिंह
35
36 शिव सिंह
37 मनसा लाल
38 बादलू
39 मंगला लाल
40 गोविंद सिंह
41 महेन्द्र सिंह
42 ज्ञान सिंह
43 पुरूषोत्तम
44 तुला लाल
45 संवनु
46 किशोरी लाल
47 बचनलाल
48 दयाल सिंह
49 शेर सिंह
50 पी एस बिष्ट
51 प्रताप सिंह
52 सूबेदार बचन सिंह
53 गबर सिंह
54 अनुसूया प्रसाद
55 गोपाल सिंह
56 दर्वान सिंह नेगी
57 वीर सिंह बिष्ट
58 श्यालक सिंह
59 ईश्वरी प्रसाद सेमवाल
60 चण्डी प्रसाद भट्ट
61 आनन्द सिंह बिष्ट

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